समग्र शिक्षा योजना/अभियान (Samagra Shiksha Abhiyan)
समग्र शिक्षा योजना/अभियान (Samagra Shiksha Abhiyan) - यह सरकारी योजना या अभियान भारत सरकार द्वारा संचालित शिक्षा के सम्पूर्ण विकास के लिए शुरू की गई महत्वपूर्ण तथा महत्वकांशी योजना हैं। यह योजना प्री-स्कूल से कक्षा 12 तक स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु शुरू कीया गया महत्वपूर्ण अभियान हैं।
समग्र शिक्षा योजना स्कूलो में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सीखने के समान अवसर प्रदान करना तथा समान गुणवत्तापूर्ण परिणाम को सुनिश्चित करना इसका मुख्य उद्देश्य हैं।
इस लेख में हम समग्र शिक्षा योजना के बारें में निम्न विषयों पर विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे -
- समग्र शिक्षा योजना (Samagra Shiksha Abhiyan) क्या है?
- समग्र शिक्षा योजना के मुख्य घटक कौन कौन से हैं?
- समग्र शिक्षा में किसका योगदान है?
- समग्र शिक्षा के कार्यान्वयन संस्था कौन सी है?
- समग्र शिक्षा अभियान कब लागू हुआ?
- समग्र शिक्षा योजना का लाभ किसे मिलेगा ?
- राज्य और संघ राज्य क्षेत्रों में समग्र शिक्षा की कार्यवाही संस्था कौन सी है?
- समग्र शिक्षा योजना (Samagra Shiksha Abhiyan) 2.0
यदि आप समग्र शिक्षा योजना के बारें में कुछ भी नहीं जानते हैं तो परेशान होने की बिलकुल भी जरुरत नहीं हैं , इस लेख को अंत तक पढ़ने के बाद आप इस योजना के बारें में सब कुछ जानकारी हासिल कर लेंगे।
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आइए समग्र शिक्षा योजना/अभियान के बारें में विस्तृत अध्ययन शुरू करें।
समग्र शिक्षा योजना क्या है?
समग्र शिक्षा योजना (Sarva Shiksha Abhiyan) भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक राष्ट्रीय स्तरीय शिक्षा योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत के नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की शिक्षा के लिए उपयुक्त मानकों की पहुंच को सुनिश्चित करना है। यह योजना 2001 में शुरू की गई थी और 2010 तक क्रियान्वित रही, जिसके बाद इसका नाम राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन (Rashtriya Madhyamik Shiksha Abhiyan) में बदल दिया गया।
समग्र शिक्षा योजना के तहत निम्नलिखित के प्रमुख उद्देश्य हैं:
- सभी बच्चों को 6 से 14 वर्ष की आयु तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना।
- स्त्री शिक्षा और समान अवसरों को प्रोत्साहित करना।
- अशिक्षित और निराश्रित बच्चों की शिक्षा की आपूर्ति सुनिश्चित करना।
- उच्च प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा आधारित सामाजिक प्रशासनिक सुधार करना।
- शिक्षा के लिए सामग्री, उपकरण और सुविधाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना।
इस योजना के अंतर्गत विभिन्न क्रियाएं जैसे कि शिक्षा केंद्रों की स्थापना, शिक्षकों की प्रशिक्षण, मिशन भवनों की स्थापना, मुख्यालयों की स्थापना, बाल संरक्षण केंद्रों की स्थापना, आदि की जाती हैं। यह योजना सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संचालित होती है और नागरीय प्राथमिकता के आधार पर धनराशि की वितरण प्राप्त करती है।
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समग्र शिक्षा योजना के मुख्य घटक कौन कौन से हैं?
समग्र शिक्षा योजना के मुख्य घटक निम्नलिखित हैं:
स्थानीय समुदायों की सहभागिता: इस योजना के अंतर्गत, स्थानीय समुदायों की सहभागिता को महत्व दिया जाता है। समुदायों के सदस्यों को शिक्षा के लिए जागरूक किया जाता है और उन्हें शिक्षा प्रक्रिया में सम्मिलित किया जाता है।
- प्राथमिक शिक्षा: समग्र शिक्षा योजना का मुख्य ध्येय प्राथमिक शिक्षा की पहुंच को सुनिश्चित करना है। इसके तहत, बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान की जाती है। स्कूलों की स्थापना, शिक्षकों की नियुक्ति, पाठ्यक्रम विकास, शिक्षा सामग्री की प्रदान, बाल संरक्षण केंद्रों की स्थापना, आदि इसमें शामिल होते हैं।
- स्त्री शिक्षा: समग्र शिक्षा योजना द्वारा स्त्रियों की शिक्षा को प्रोत्साहित किया जाता है। इसका उद्देश्य स्त्री शिक्षा में जेंडर पारितोषिकी को कम करना और स्त्री शिक्षा के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना है।
- गुणवत्ता मानकों का सुनिश्चितीकरण: उच्च प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए, योजना में शिक्षा मानकों के सुनिश्चितीकरण पर ध्यान दिया जाता है। शिक्षा सामग्री, पाठ्यक्रम विकास, शिक्षकों की प्रशिक्षण, और मूल्यांकन के माध्यम से गुणवत्ता को मापा जाता है।
- इंफ्रास्ट्रक्चर विकास: समग्र शिक्षा योजना के तहत, स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास भी महत्वपूर्ण है। शिक्षा केंद्रों की स्थापना, शिक्षा सुविधाओं, जैसे कि कक्षा, पुस्तकालय, लैब, कंप्यूटर लैब, शौचालय, आदि की व्यवस्था की जाती है।
- तकनीकी संवर्धन: तकनीकी संवर्धन के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जाता है। इसमें शिक्षा सामग्री के लिए डिजिटल सामग्री, शैक्षिक सॉफ्टवेयर, दूरसंचार सुविधाएं, इंटरनेट कनेक्शन, शिक्षा-प्रदान पोर्टल, आदि शामिल होते हैं।
ये घटक समग्र शिक्षा योजना के महत्वपूर्ण हिस्से हैं जो एक सशक्त और समर्पित शिक्षा प्रणाली की संरचना को तैयार करने में मदद करते हैं।
समग्र शिक्षा के कार्यान्वयन संस्था कौन सी है?
समग्र शिक्षा योजना के कार्यान्वयन के लिए निम्नलिखित संस्थाएं जिम्मेदार हैं:
राष्ट्रीय शिक्षा अभियान (Rashtriya Shiksha Abhiyan, RMSA): राष्ट्रीय शिक्षा अभियान, जिसे 2010 में समग्र शिक्षा योजना से स्थानांतरित किया गया था, उच्च माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में कार्यान्वयन को नियंत्रित करता है।
राष्ट्रीय बालिका शिक्षा एवं शिक्षा परियोजना (Rashtriya Madhyamik Shiksha Abhiyan, RMSA): राष्ट्रीय बालिका शिक्षा एवं शिक्षा परियोजना उच्च माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में कार्यान्वयन करने के लिए संस्थापित की गई है।
राष्ट्रीय प्राथमिक शिक्षा परिषद (National Council of Educational Research and Training, NCERT): NCERT शिक्षा मानकों, पाठ्यक्रम विकास, और शिक्षा सामग्री के क्षेत्र में मान्यता प्राप्त केंद्रीय संस्थान है, जो समग्र शिक्षा योजना के माध्यम से नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च प्राथमिक शिक्षा के कार्यान्वयन को समर्थन करता है।
राष्ट्रीय समग्र शिक्षा परिषद (National Council for Universalisation of Elementary Education, NUEPA): NUEPA एक स्वायत्त संस्थान है जो उच्चतर प्राथमिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा की गुणवत्ता और सुधार के लिए संगठित है। इसका मुख्य ध्येय समग्र शिक्षा के प्रणालीकरण को प्रोत्साहित करना है।
ये संस्थाएं समग्र शिक्षा योजना के कार्यान्वयन को संचालित करने और निरीक्षण करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
समग्र शिक्षा अभियान कब लागू हुआ?
यह अभियान 2001 में शुरू किया गई था और 2010 तक क्रियान्वित रहा, जिसके बाद इसका नाम राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन (Rashtriya Madhyamik Shiksha Abhiyan) में बदल दिया गया।
समग्र शिक्षा योजना का लाभ किसे मिलेगा ?
समग्र शिक्षा योजना का लाभ निम्नलिखित समूहों को मिलेगा:
बच्चों को लाभ: समग्र शिक्षा योजना के अंतर्गत, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार होगा। इसके माध्यम से बच्चों को उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए समान अवसर मिलेगा।
स्त्रियों को लाभ: योजना द्वारा स्त्रियों की शिक्षा को प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे जेंडर पारितोषिकी को कम करने और स्त्री शिक्षा में समानता सुनिश्चित की जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों को लाभ: समग्र शिक्षा योजना ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को उच्च करने का प्रयास करेगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को शिक्षा में समान अवसर मिलेगा और उनकी शिक्षा सामग्री और सुविधाएं भी सुधारेंगी।
शिक्षा कर्मियों को लाभ: समग्र शिक्षा योजना शिक्षा कर्मियों के लिए भी लाभदायक है। इसके अंतर्गत उन्हें उच्चतर प्रशिक्षण और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जो उनकी शिक्षाकार्य क्षमता को सुधारेंगी।
समाज को लाभ: योजना के माध्यम से समाज को शिक्षा सुविधाएं मिलेंगी और शिक्षित नागरिकों की संख्या बढ़ेगी। इससे समाज में ज्ञान का स्तर बढ़ेगा, आर्थिक विकास होगा और सामरिकता घटेगी।
इस प्रकार, समग्र शिक्षा योजना से सभी समूहों को विभिन्न रूपों में लाभ प्राप्त होगा।
राज्य और संघ राज्य क्षेत्रों में समग्र शिक्षा की कार्यवाही संस्था कौन सी है?
समग्र शिक्षा की कार्यवाही राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में राष्ट्रीय समग्र शिक्षा मिशन (Rashtriya Samagra Shiksha Mission) द्वारा संचालित की जाती है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के शिक्षा का सुधार करना है। राष्ट्रीय समग्र शिक्षा मिशन के अंतर्गत, राज्य सरकार द्वारा शिक्षा नीतियों का निर्धारण किया जाता है और नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए कई प्रोग्राम और योजनाएं चलाई जाती हैं।
समग्र शिक्षा योजना (Samagra Shiksha Abhiyan) 2.0
अंतिम शब्द
समग्र शिक्षा योजना एक महत्वपूर्ण पहल है जो शिक्षा क्षेत्र में सुधार और समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा अपनाई गई है। इसके अंतर्गत, प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार होता है। यह योजना स्त्री शिक्षा को प्रोत्साहित करने, ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और शिक्षा कर्मियों की क्षमता को सुधारने का प्रयास करती है। इससे समाज में ज्ञान का स्तर बढ़ता है, और शिक्षित नागरिकों की संख्या बढ़ती है, जिससे आर्थिक विकास और सामरिकता की प्राप्ति होती है। समग्र शिक्षा योजना भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण कदम है जो शिक्षा को सभी वर्गों और क्षेत्रों तक पहुंचाने का प्रयास करता है।